816 आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर्स की भर्ती मामले में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने रिवाइज रिक्मेंडेंशन कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कमीशन के 14 नवंबर 2021 के रिजल्ट में से केयूके के 667 डिप्लोमा होल्डर की नियुक्ति को रोककर आईटीआई के 153 उम्मीदवारों की रिवाइज रिक्मेंडेंशन की सूची शिक्षा निदेशालय के पास भेज दी है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के 153 आर्ट एंड क्राफ्ट टीचरों को नियुक्ति स्थान जारी किए है। यह वे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने आर्ट एंड क्राफ्ट का आईटीआई डिप्लोमा या समकक्ष डिग्री हासिल की हुई है। इन्हें 21 व 22 मार्च को शिक्षा निदेशालय ने स्टेशन अलॉट कर दिए है।
निदेशालय के पास यह सूची हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 4 मार्च 2022 को भेजी है। वहीं अभ्यर्थी मनोज राठी ने कहा कि करीब आईटीआई के 316 उम्मीदवारों के इंटरव्यू हो गए थे। परंतु उसमें से 153 को जॉइनिंग दी गई है। करीब 163 उम्मीदवार की जॉइनिंग होल्ड की हुई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के बाद बीसी कैटेगरी के 14 इंटरव्यू लिए गए थे। हम यह केस सुप्रीम कोर्ट से जीतकर आए है, परंतु आयोग ने अभी तक हाईकोर्ट में केस का हवाला देकर नियुक्ति नहीं दी। हाइकोर्ट के आदेश के बाद ही रिजल्ट रिवाइज होगा।
ये है मामला
कांग्रेस सरकार में 2006 में 816 पदों के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर की भर्ती निकाली थी। इस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू मानक बनाए गए थे। परंतु 30 जून 2008 को लिखित परीक्षा रद्द कर दी गई थी। चयन इंटरव्यू के आधार पर हुआ। साथ ही इस भर्ती में कुरुक्षेत्र विश्विवद्यालय से आर्ट एंड क्राफ्ट कोर्सपोंडेंस का डिप्लोमा मान्य किया गया तो रेगुलर वाले कुछ अभ्यार्थी हाइकोर्ट चले गए। साथ ही भर्ती के नियमों को बदलने की चुनौती दी गई। दोनों मामले सुप्रीम कोर्ट चले गए।
नियमों के बदलाव के कारण पिछले साल पूरी भर्ती ही रद्द कर दी। इसके बाद सरकार ने हरियाणा स्टॉफ सिलेक्शन के जरिए 31 जनवरी 2021 को परीक्षा करवाकर प्रकिया पूर्ण की। परंतु सुप्रीम कोर्ट ने केयू के कोरसपोंडेंस आर्ट एंड क्राफ़्ट डिप्लोमा उम्मीदवारों को नवंबर 2022 में अयोग्य करार दिया है। ऐसे में चयनित उम्मीदवारों को स्टेशन अलॉट नहीं हो पाए। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्विवद्यालय से कोर्सपोंडेंस 2 वर्षीय डिप्लोमा धारक यह लिखवाकर लेकर आए कि उनका कोर्स रेगुलर के समकक्ष है। अब इस मामले में हाइकोर्ट में याचिकाएं पेंडिंग हैं।