चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन पर एक नाबालिग जोड़ें को आरपीएफ पुलिस ने पकड़ा और चाइल्ड लाइन के जरिए बाल कल्याण समिति को सौंप दिया। दोनों नाबालिग जयपुर से भागकर यहां चित्तौड़गढ़ आए थे। बालिका के माता पिता चित्तौड़गढ़ पहुंचे तो उन्हें सौंप दिया गया, जबकि किशोर अभी भी राजकीय किशोर गृह में है। बालिका को लेने उसके माता-पिता के साथ वैशाली नगर जयपुर थाना पुलिस भी आई थी।
बाल कल्याण समिति की सदस्य मंजू जैन ने बताया कि एक नाबालिग जोड़ा रेलवे स्टेशन पर घूमते हुए मिले। आरपीएफ पुलिस दो-तीन दिन से बच्चों को यही देखा था, इसलिए जब पूछताछ की तो पता चला दोनों बच्चे घर से बिना बताए जयपुर से यहां भाग कर आ गए। आरपीएफ पुलिस ने तुरंत चाइल्डलइन को इसकी सूचना दी और बाल कल्याण समिति को सौंप दिया।
1700 रुपए लेकर आए थे दोनों, खत्म होने पर स्टेशन पर रहने लगे
काउंसलिंग के दौरान बच्चों ने बताया कि दोनों पड़ोसी है और काफी समय से रिलेशन में है। दोनों ही भाग कर यहां आए। किशोर के पास सिर्फ 17 सो रुपए थे। वह लोग 14 तारीख को वहां से भागे थे। इन 17 सो रुपए में उन्होंने किला घूमा और खाने पीने में खर्च कर दिए। होटल के पैसे नहीं बचे तो रेलवे स्टेशन पर 3 दिन से रह रहे थे। बाल कल्याण समिति ने पता किया तो वैशाली नगर पुलिस स्टेशन पर दोनों के गुमशुदगी का मामला दर्ज था, जिस पर पुलिस को सूचना दी गई। बालिका के माता पिता और वैशाली नगर पुलिस चित्तौड़गढ़ पहुंची, जहां बालिका को सौंप दिया गया। वहीं किशोर के परिवार से अभी तक कोई नहीं पहुंचा इसलिए उसे राजकीय किशोर गृह में रखा गया। किशोर की उम्र 17 साल और बालिका की उम्र 13 साल है। बालक ने अपनी पढ़ाई छोड़ कर नौकरी कर रहा था।