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हरियाणा CM सैनी का सम्मान करने पहुंचा घोटाला आरोपी, विजिलेंस टीम 6 महीने से ढूंढ रही, खुद को खट्‌टर का करीबी बताता है

(गौरव धीमान) हरियाणा में विजिलेंस का एक बड़ा फेलियर सामने आया है। टीम जिला परिषद में हुए 7 करोड़ रुपए के सफाई घोटाले के जिस आरोपी को 6 महीना से ढूंढने में लगी है, वह आरोपी आज बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास पर आशीर्वाद समारोह में शामिल हुआ आरोपी न सिर्फ समारोह में शामिल हुआ, बल्कि प्रोग्राम में भरे मंच पर साधु-संतों के साथ मुख्यमंत्री नायब सैनी को सम्मानित भी किया।

विजिलेंस की FIR में 8वें नंबर पर

सफाई घोटाले में कैथल के भाजपा नेता प्रवीण सरदाना का नाम विजिलेंस की FIR में 8वें नंबर पर दर्ज है। उसके अनुसार प्रवीण भारत प्रोजेक्ट का प्रोपराइटर है। वह खुद को पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के करीबियों में बताता है। उसके सोशल मीडिया पर पूर्व CM और भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ फोटो हैं।

घोटाले में सबसे ज्यादा बिल इसी फर्म के

गौर करने वाली बात यह है कि घोटाले की राशि में सबसे ज्यादा बिल भी इसी फर्म के नाम के हैं। विजिलेंस टीम ने आरोपी प्रवीण सरदाना को पकड़ने के लिए कई बार उसके घर रेड की, लेकिन वह आज तक हत्थे नहीं चढ़ा। हालांकि, विजिलेंस द्वारा फरार चल रहे आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई चल रही है।

कुल 14 आरोपियों के खिलाफ केस

जांच कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने घोटाले में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इनमें से अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस FIR में शहर के भाजपा नेता प्रवीण सरदाना का नाम भी शामिल है, जो मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के डर से लगातार भूमिगत चल रहा है।

भाजपा प्रदेश स्तरीय कार्यक्रमों में ले रहा भाग

हालांकि, कैथल निवासी आरोपी प्रवीण सरदाना सरेआम भाजपा के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में भाग ले रहा है। विजिलेंस टीम आरोपियों की धर-पकड़ के लिए दावे कर रही है, लेकिन काफी समय बीत जाने पर भी टीम मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंची।

राजनीतिक दबाव में काम कर रही विजिलेंस

लोगों का कहना है कि विजिलेंस अब राजनीतिक दबाव में काम कर रही है। इसलिए, जानबूझकर घोटाले बाजों को गिरफ्तार नहीं कर रही। दावा किया जा रहा है कि घोटाले के आरोपियों ने राजनीतिक अप्रोच लगवाकर पूरे मामले को अब ठंडे बस्ते में डलवा दिया है।

कोरोना काल में हुआ था सफाई घोटाला

कैथल जिला परिषद में कोरोना काल के दौरान करोड़ों रुपए का सफाई घोटाला सामने आया था, जिसमें 10 फर्मों के ठेकेदारों ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ग्रामीण क्षेत्र में बिना विकास कार्य किए सरकारी राशि का गबन कर लिया था। यह राशि सीधे अधिकारियों व ठेकेदारों के बैंक खातों में डाली गई थी। 3 साल जांच के बाद मई 2024 में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

अधिकारियों समेत 4 ठेकेदार जेल में

घोटाले में अधिकारियों से लेकर ठेकेदारों के नाम शामिल हैं। विजिलेंस इनमें से अभी तक 7 आरोपियों को ही गिरफ्तार कर पाई है। घोटाले में संलिप्त SDO, JE और अकाउंटेंट सहित 4 ठेकेदार जेल में बंद हैं।

टीम को भेजा चंडीगढ़

जब मामले की जांच कर रहे कैथल एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह से इस बार में बात की गई, तो उन्होंने बताया कि वह अपनी एक टीम को चंडीगढ़ भेज रहे हैं। जल्द आरोपी को काबू कर लिया जाएगा।

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