शहर में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था चरमरा गई है। हालात यह हैं कि शहर के सभी 31 में से 25 वार्डों में स्ट्रीट लाइटों की समस्या है। यह समस्या इतनी बढ़ गई है कि अब पार्षदों में भी इसको लेकर काफी रोष है। उन्होंने इस मुद्दे को नप की सदन की बैठक में भी प्रमुखता से उठाया था। इसमें पार्षदों ने लाइट इंस्पेक्टर पर काम न करने का आरोप लगाया है। इस समस्या का पिछले करीब डेढ़ साल से कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। पुराना शहर में स्ट्रीट लाइटों के न चलने की समस्या है। इसमें प्रताप गेट, रेलवे गेट, चंदाना गेट, डोगरा गेट और अर्जुन नगर का क्षेत्र शामिल है। इसके अलावा चीका रोड, रेलवे गेट, ढांड रोड, करनाल रोड व नया बस स्टैंड के पास भी अधिकतम स्ट्रीट लाइटें नहीं चलती है
बता दे की करीब 10 हजार में से 1600 से अधिक लाइटें खराब हो चुकी है
बता दें कि पूरे शहर के 31 वार्डों में करीब 10 हजार लाइटें हैं। इनमें से 1600 से अधिक स्ट्रीट लाइटें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। अन्य दो हजार लाइटें भी खराब हैं। खराब लाइटों को लेकर नगर परिषद का पक्ष है कि शहर में स्ट्रीट लाइटों की समस्या को देखते हुए मुंबई से 500 नई लाइटें मंगवाई गई हैं। इसके लिए टेंडर कर दिया गया है।
नहीं हो रही समस्या की कोई सुनवाई लोग ने पार्षद को बोले
पार्षदों का यह भी आरोप है कि शहर में खराब हुई स्ट्रीट लाइटों के ठीक न होने का बड़ा कारण ठेकेदार द्वारा पुराने कर्मचारियों को हटाना भी है। वार्ड नंबर दो के पार्षद विनोद सोनी ने बताया कि जब भी ठेकेदार बदला जाता है तो पुराने कर्मचारियों को हटा दिया जाता है। इस कारण शहर में ठीक ढंग से लाइटों की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। सोनी ने बताया कि उसके वार्ड में सीवन गेट के आंबेडकर चौक से लेकर अर्जुन नगर में ड्रेन तक डिवाइडरों पर लगी लाइटें बिल्कुल खराब हो चुकी हैं। इसे ठीक करवाने के लिए पिछले एक साल से नप को गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यदि किसी स्थान पर लाइट बदलने के लिए आते हैं तो पार्षदों को 100 रुपये अपनी जेब से देने पड़ते हैं जबकि यह कार्य नगर परिषद का है। इस समस्या का स्थायी समाधान होना चाहिए।
चंदाना गेट से वाल्मीकि बस्ती के रोड पर लगाई लाइटें खराब हो चुकी है
वहीं, वार्ड नंबर 22 के पार्षद राजेश सिसौदिया ने बताया कि उनके वार्ड में चंदाना गेट से लेकर वाल्मीकि बस्ती के रोड पर लगाई लाइटें पूरी तरह से खराब हैं। इसे बदलवाने की मांग की गई है। फिर भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। सिसौदिया ने कहा कि जब लाइट इंस्पेक्टर से समस्या पर फोन किया जाता तो कोई जवाब नहीं मिल पाता है। यह समस्या पिछले कई महीनों से बनी है। यदि कर्मचारी किसी वार्ड में लाइट बदलने चला भी जाता है तो वहां पर 23 वॉट के लगे हुए बल्ब को उतार कर वहां पर नौ वॉट का बल्ब लगा देता है। रात में लाइट खराब होने से अंधेरा सा ही रहता है। लाइट न होने के कारण रात के समय शरारती तत्वों के शरारत करने का अधिक भय रहता है। जल्द ही इस समस्या के समाधान किया जाए।
जल्द ही लगाई जाएंगी लाइटें
नगर परिषद की सदन की बैठक में स्ट्रीट लाइटों के खराब होने की समस्या पार्षदों ने उठाई थी। इस समस्या के समाधान के लिए परिषद की तरफ से कार्य किया जा रहा है। जल्द ही इस समस्या का स्थायी समाधान करवा दिया जाएगा। वहीं, शहर में जल्द ही 500 से अधिक नई लाइटें लगाई जाएंगे। जिससे शहरवासियों को अच्छी सुविधा होगी। -नगर परिषद अध्यक्ष ,सुरभि गर्ग,