यूक्रेन से भारत लौट रहे विद्यार्थियों के चेहरे पर घर पहुंचने के बाद भी खौफ है। यूक्रेन की सड़कों पर बह रहे खून ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है। वहां फंसे विद्यार्थी किसी तरह से यूक्रेन छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हंगरी के बॉर्डर पर यूक्रेन की सेना बॉर्डर पार कराने के लिए 200 अमेरिकी डॉलर मांग रही है।
विद्यार्थी किसी तरह डॉलर का जुगाड़ कर सेना को देने के बाद हंगरी पहुंच रहे हैं। वहां से एयर इंडिया का विमान उन्हें भारत लेकर आ रहा है। यह बात हरियाणा के पानीपत जिले के लतीफ गार्डन की रहने वाली पुनीता खर्ब ने कही।
मंगलवार को वह यूक्रेन से घर लौटकर आई हैं। पुनीता ने बताया कि यूक्रेन में बॉर्डर पर विद्यार्थियों को बहुत परेशानी है। हर तरफ बम धमाके हो रहे हैं। वहां फंसे छात्रों के पास खाने का समान भी खत्म हो रहा है। दिन में एक बार ही खाना खाकर दिन काट रहे हैं। हर तरफ चीख पुकार मची हुई है।
हालांकि तिरंगा झंडा देखकर यूक्रेन व रूस की सेना छात्रों को बॉर्डर पार होने दे रही है लेकिन छात्रों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यूक्रेन की सेना को हल्का बल का भी प्रयोग करना पड़ रहा है। जब वह सोमवार की रात को हंगरी के बॉर्डर पर पहुंचीं तो यूक्रेन के सैनिकों ने बॉर्डर पार कराने के लिए 200 अमेरिकी डॉलर मांगे। वह सैनिकों को यह रकम देकर हंगरी पहुंची हैं। मंगलवार को 150 विद्यार्थियों को भारत लाया गया है।
यूक्रेन के टर्न ओपिल में एमबीबीएस की छात्रा हैं पुनीता
लतीफ गार्डन कॉलोनी की निवासी पुनीता यूक्रेन में टर्नओपिल में एमबीबीएस की छात्रा हैं। यशपाल खर्ब ने बताया कि उसकी बेटी पुनीता मंगलवार को घर लौटी है। सरकार छात्रों को वहां से निकालने के हर संभव प्रयास कर रही है। पुनीता मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं और यूक्रेन के मंजर से वह बहुत डरी हुई है। सरकार से मांग है कि जो भी छात्र वहां फंसे हैं, उन्हें जल्दी निकालें।