कैथल- ( ) जिले में अगले कुछ दिन तक किसानों को यूरिया किल्लत के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण डिमांड के अनुसार खाद की सप्लाई न मिल पाना है। जिला में रबी के सीजन में किसानों को कुल 78 हजार एमटी खाद की जरूरत पड़ती है। इस समय तक पिछले वर्ष भी 77 हजार 200 एमटी खाद की सप्लाई जिले में पहुंच गई थी। लेकिन इस बार हालत विपरीत हैं।
अभी तक जिले में 64 हजार 205 एमटी ही खाद जिला में पहुंच पाया है। अगले सप्ताह जिला में फिर से यूरिया का रैक लगेगा उम्मीद है कि इसके बाद किसानों की खाद की डिमांड पूरी हो जाएगी। वहीं जिले में पिछले काफी दिनों से किसानों को यूरिया के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिन खाद विक्रेताओं के पास यूरिया उपलब्ध होता है उन पर खाद के साथ पेस्टिसाइड बेचने के भी आरोप हैं।
एनएफएल प्लांट में आई दिक्कत से बढ़ी यूरिया किल्लत| कृषि उपनिदेशक डाॅ. कर्मचंद का कहना है कि इस बार यूरिया किल्लत का बड़ा कारण एनएफएल पानीपत प्लांट में आई तकनीकी दिक्कत है। इसके कारण पिछले दिनों प्लांट बंद रहा और पूरे प्रदेश को खाद की सुचारू रूप से सप्लाई नहीं मिल पाई।
जिले में अब तक यूरिया की कम सप्लाई का बड़ा कारण यही है। उन्होंने कहा कि खाद की दुकानों पर लंबी लाइन लगने का कारण किल्लत होना नहीं है। इसका दूसरा बड़ा कारण आधार कार्ड से लिंक होना है। अब आधार कार्ड के आधार पर ही किसानों को यूरिया खाद दिया जा रहा है। जिस प्रक्रिया में समय लग रहा है।
कालाबाजारी पर की है कार्रवाई
डीडीए डाॅ. कर्मचंद ने बताया कि यूरिया की कालाबाजारी करने वालों व उसके साथ जबरन पेस्टिसाइड बेचने वालो के खिलाफ विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा रही हैं। अब तक इस संबंध में 6 शिकायतें आई हैं। इस पर एक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। दो के लाइसेंस रद्द किए गए हैं और 6 के लाइंसेस सस्पेंड किए हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी यदि इस तरह की शिकायत मिलती हैं तो उस पर ठोस कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया के अगले सप्ताह तक डिमांड के अनुसार जिले में यूरिया की सप्लाई मुहैया हो जाएगी।