मंगलवार से सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। इस महीने भगवान शिव की भक्ति का विशेष महत्व है। सावन शुरू होते ही कांवड़ यात्रा का भी शुरू हो जाती है। कांवड़ यात्रा में शिवभक्त पैदल और लंबी यात्रा तय कर गंगा नदी का पवित्र जल कांवड़ में भरकर लाते हैं और भगवान शिव को अर्पित करते हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शक्ति धाम मंदिर के मुख्य पुजारी प्रेम शंकर शास्त्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा का शुभारंभ सावन के पहले दिन से हो जाता है। इस वर्ष पवित्र सावन महीने का शुभारंभ चार जुलाई मंगलवार के दिन से हो रहा है। ऐसे में इसी दिन से कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी। वहीं कांवड़ यात्रा का समापन 31 अगस्त वीरवार को होगा।
सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई के दिन पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार अधिमास की वजह से दो माह का सावन रहेगा। सावन का समापन रक्षाबंधन से होता है।
कावड़ियों के जाने के लिए मुख्य रास्ता कुरुक्षेत्र रोड से है
शास्त्री ने कहा कि कावड़ियों के लिए मुख्य रास्ता कुरुक्षेत्र रोड हैं। कलायत, जींद, नरवाना, चीका, कैथल की ओर जाने वाली सभी कांवड़िये इसी रास्ते से आते हैं। कावड़ियों के लिए हर वर्ष ढांड रोड स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर में शिविर लगाया जाता है। सभी कांवड़िये शिविर में आराम करते हैं। इसके बाद स्नान करके अपने गंतव्य की ओर रवाना होते हैं। उन्होंने कहा कि जो भगत सच्चे मन से कांवड़ लेकर आते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।