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आज होगा मृतक किसान धर्मपाल का पोस्टमार्टम; गांव में नहीं जला चूल्हा, महापंचायत लेंगी कोई बड़ा फैसला

हिसार के खेदड़ पावर प्लांट में राख विवाद में एक किसान की मौत हुई। मृतक किसान धर्मपाल का आज पोस्टमोर्टम होगा। उसका शव अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में रखा गया है। पोस्टमार्टम के बाद उसका दाह संस्कार किया जाएगा। वहीं धर्मपाल की मौत के बाद पूरे खेदड़ गांव में शोक की लहर है। पूरे गांव ने धर्मपाल की मौत पर चूल्हा नहीं जलाया। वहीं किसान नेताओं ने पूरे प्रदेश के किसानों को खेदड़ में पहुंचने की कॉल की हुई है।

मृतक धर्मपाल के पास एक एकड़ जमीन

एसकेएस के नेता श्रद्धानंद ने बताया कि मृतक धर्मपाल के परिवार के पास एक एकड़ जमीन है। मृतक का एक बेटा और एक बेटी है। मृतक का बेटा भी ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है और वह अपने पिता के साथ खेती ही करता है। बड़ी बेटी ब्याही हुई है।एसकेएस के किसान नेता श्रद्धनंद ने बताया कि 12 बजे पूरे प्रदेश में टोल समिति के किसान नेता और अन्य जगहों पर चल रहे किसान नेताओं को खेदड़ पहुंचेंगे। समिति जो भी फैसला लेगी, उसी के आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

शुक्रवार को यूं हुआ घटनाक्रम

राख की मांग को लेकर ग्रामीणों ने खेदड़ पावर प्लांट के अंदर जाने वाले रेलवे ट्रेक पर पड़ाव डालने का फैसला लिया। इसके बाद किसान ट्रेक्टरों पर सवार होकर ट्रेक की ओर चल दिए। पुलिस ने बेरीकेड्स लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। किसानों ने बेरीकेड्स तोड़ दिए। इसी बीच एक ट्रेक्टर किसानों को रौंदता हुआ आगे निकल गया। पुलिस ने किसानों को तितर बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का प्रयोग किया। किसानों का दावा है कि पुलिस के लाठीचार्ज से किसानों को चोटें लगी। एक किसान धर्मपाल की मौत भी इसी कारण हुई। जबकि पुलिस का कहना है कि धर्मपाल की मौत ट्रेक्टर के नीचे आने से हुई है। तीन पुलिस कर्मचारी भी गंभीर रुप से घायल है।

ये हैं राख का विवाद

खेदड़ पावर प्लांट में पिछले 85 दिनों से ग्रामीण और किसान धरना दे रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि प्लांट की राख पहले की तरह उन्हें मुफ्त दी जाए। जबकि प्लांट के अधिकारी इसमें असमर्थता जता रहे हैं। क्योंकि बिजली मंत्रालय ने राख को टेंडर के जरिए बेचने का प्रस्ताव पास किया है। यह राख ईंट बनाने में प्रयोग होती है। प्लांट में करीब 67 करोड़ की राख है। वहीं ग्रामीणों का तर्क है कि जब पहले राख को कोई लेता नहीं था तो ग्रामीण इसका प्रयोग करते थे। इससे खेदड़ गौशाला को होने वाली आय बंद हो जाएगी और करीब 1 हजार गायों का पालन पोषण कर रही गौशाला बंद हो जाएगी। इसलिए ग्रामीण पहले की तरह ही राख फ्री में देने की मांग कर रहे हैं।

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