जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में आरपीएफ जवान चेतन सिंह द्वारा एएसआई सहित चार लोगों की गोली मारकर हत्या के मामले में एक अहम जानकारी सामने आई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक टीम आरोपी कांस्टेबल चेतन सिंह द्वारा 31 जुलाई तक की गई उसकी ड्यूटी का चार्ट लेकर बोरीवली लॉकअप में गए थी. आरपीएफ की इस टीम को बोरीवली लॉकअप में बंद चेतन सिंह के ड्यूटी चार्ट पर उसका हस्ताक्षर करवाना था लेकिन उसने हस्ताक्षर करने के बजाय ड्यूटी चार्ट को फाड़कर फेंक दिया |
रेलवे पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस दौरान आरोपी चेतन सिंह अपने ड्यूटी चार्ट को काफी देर तक निहारता रहा और आरपीएफ की टीम उससे हस्ताक्षर करने को कहती रही, लेकिन वह उसका कोई रिस्पांस देने के बजाय लगातार निहारता रहा. काफी देर तक ड्यूटी चार्ट को निहारने के बाद आरोपी चेतन सिंह ने हस्ताक्षर करने के बजाय उसे फाड़कर फेंक दिया. इस घटना के बाद आरपीएफ की टीम जीआरपी के पास इसकी जानकारी देने के लिए पहुंची |
ऐसे ठिकाने लगाई गई अकड़
जानकारी मिलने के बाद जीआरपी की टीम ने लोकल बोरीवली पुलिस स्टेशन से संपर्क साधा और उनसे सिक्योरिटी (बंदोबस्त) देने का निवेदन किया गया. बोरीवली स्टेशन से बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी लेकर जांच टीम एक बार फिर आरोपी चेतन सिंह का हस्ताक्षर लेने के लिए लॉकअप में पहुंची. पुलिस बंदोबस्त के बीच चेतन सिंह ने अपने ड्यूटी चार्ट पर हस्ताक्षर किया. इस दौरान आरपीएफ की टीम ने आरोपी चेतन सिंह से कुछ सवाल भी किए, लेकिन वह जवाब देने के बजाय एकदम शांत बैठा रहा |
हत्याओं का मकसद अबतक स्पष्ट नहीं
पेश मामले में जीआरपी के एक अधिकारी ने कहा, ‘आरोपी की मेडिकल जांच कराई गई है लेकिन हत्याओं के पीछे उसका मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है. हम अन्य यात्रियों के बारे में भी जानकारी एकत्र कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि सोमवार सुबह ट्रेन के अपने अंतिम गंतव्य मुंबई सेंट्रल पर पहुंचने से पहले कई यात्री बोरीवली स्टेशन पर उतर गए. मृतक यात्रियों की पहचान पालघर के नालासोपारा निवासी अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (58), सैयद एस (43) और बिहार के मधुबनी निवासी असगर अब्बास शेख (48) के रूप में हुई है |