जिले में इस बार 329 आउट ऑफ स्कूल बच्चों की पहचान की गई है। इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत 10 विशेष प्रशिक्षण केंद्र चलाए गए हैं। गौरतलब है कि हर वसीम सेंटरों के माध्यम से आउट ऑफ स्कूल के बच्चे, प्रवासी मजदूर व ईंट-भट्ठा पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चों को शिक्षा दी जाती है। इन ट्रेनिंग सेंटर में नौ महीने तक आउट ऑफ स्कूल के बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
जिला परियोजना अधिकारी सुरेंद्र आर्य ने कहा कि जैसे ही प्रवासी मजदूर आएंगे इन सेंटरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी, ताकि शिक्षा से कोई भी बच्चा वंचित ना रहे। उन्होंने कहा कि इस बार गुहला खंड में एक, कैथल खंड में चार, पूंडरी खंड में पांच एसटीसी चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन स्पेशल ट्रेनिंग सेंटरों की समय-समय पर मॉनिटरिंग का कार्य अधिकारी करते हैं, ताकि बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता की जांच की जा सके।
जिला सहायक परियोजना संयोजक कुशल कुमार ने बताया कि समय-समय पर इन सेंटरों का उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। इस दौरान बच्चों के मूलभूत ज्ञान, बच्चों से अक्षर ज्ञान, गिनती व अंग्रेजी अल्फाबेट के बारे में पूछा जाता है। इन सेंटरों में सबसे पहले बच्चों को प्रतिदिन काम में आने वाली बातों को सिखाया जाता है।