कैथल की पूंडरी विधानसभा का गांव बुच्ची बिना अध्यापकों वाला प्राइमरी स्कूल बन गया है क्योंकि पिछले 17 महीनों से कोई भी अध्यापक प्राइमरी स्कूल में नियुक्त नहीं है यह तो भला हो साथ लगते मिडिल स्कूल के अध्यापकों का कि वह अपने खाली पीरियड में इन बच्चों का ध्यान रखते हैं और इन्हें अपने स्तर पर शिक्षा देने का काम कर रहे हैं
17 महीने से नहीं आ रहे अध्यापक
स्कूल में विद्यार्थी हो या ना हो लेकिन एक अध्यापक के बिना स्कूल स्कूल नहीं होता। लेकिन कैथल जिले के गांव बुच्ची का एक ऐसी सरकारी प्राथमिक स्कूल जहां बच्चे हर रोज सुबह तैयार होकर आते हैं लेकिन टीचर नहीं आते और वो भी एक दिन नहीं, दो दिन नहीं बल्कि 17 महीने से नहीं आ रहे हैं। आप कैथल में आईए हम आपको दिखाएंगे एक ऐसा स्कूल जहां बच्चे आते हैं लेकिन टीचर नहीं। टीचर आता इसलिए नहीं क्योंकि सरकार ने किसी टीचर की ड्यूटी इस स्कूल में लगाई ही नहीं। इस स्कूल से 17 महीने पूर्व टीचर अपना तबादला करवाकर चले गए थे। इसके बाद टीच नहीं आए हैं। स्कूल में ना कोई क्लर्क व स्कूल के मुखिया का भी अलग से पद नहीं है।
स्कूल में बच्चो की संख्या सिर्फ 25
राजकीय प्राथमिक पाठशाला बुच्ची में कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों की संख्या 25 है लेकिन यहां इस बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी टीचर नहीं है। ऐसे में अभिभावक बच्चों का स्कूल से नाम कटवाना चाहते हैं। क्योंकि वहां पिछले 17 महीनों से टीचर नहीं है। अब वे अपने बच्चों का स्कूल छोडऩे के प्रमाण पत्र लेने के लिए स्कूल आ रहे हैं। अगर पिछले शिक्षा सत्र की बात की जाए तो यहां वर्ष 2021-22 में 34 बच्चे थे। वर्ष 2019-20 में पढऩे वाले छात्रों की संख्या 36 थी और यह संख्या 35 है। ग्राउंड रिपोर्ट की बात करें तो स्कूल में इस सत्र में नया कोई दाखिला हुआ नहीं और पुराने बच्चे स्कूल छोडऩे का प्रमाण पत्र मांग रहे हैं। ये वहीं बच्चे हैं जो पिछली कक्षाओं से प्रमोट हुए हैं। अब वर्तमान में स्कूल में 25 बच्चे हैं। इस पांचवीं तक के स्कूल में अबकी बार पहली कक्षा में किसी छात्र दाखिला अब तक लिया ही नहीं है।
बच्चों को आ रही है स्कूल छोड़ने में दिक्कत
मिडिल स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि 17 महीनों के यहां अध्यापक नहीं है हम अपने स्कूल के कुछ टीचरों को जब उनका पीरियड खाली होता है प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए उनकी क्लास में भेज देते हैं क्योंकि स्कूल की बिल्डिंग एक ही है परंतु जो बच्चे पास हो गए हैं यह स्कूल छोड़ना चाहते हैं उनको हम स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट नहीं दे सकते क्योंकि जय सर्टिफिकेट क्लास टीचर की आईडी से जारी किया जाता है क्योंकि कोई क्लास टीचर नहीं है तो बच्चों को भी स्कूल छोड़ने में दिक्कत आ रही है या तो सरकार प्राइमरी स्कूल में टीचर नियुक्त करें या हमें इस बात की अथॉरिटी दे कि हम उनके स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट जारी कर सकें ताकि बच्चों की समस्या का समाधान हो सके इस विषय को लेकर हम शिक्षा विभाग को लिख चुके हैं और फोन के माध्यम से बता भी चुके हैं
प्रशासन व सरकार को इन बच्चों की कोई फिक्र नहीं
ऐसा नहीं कि स्कूल की इस स्थिति के बारे में किसी को मालूम नहीं है। इस बात का जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर विधायक तक को मालूम है लेकिन शायद प्रशासन व सरकार को इन बच्चों की फिक्र नहीं है। स्कूल प्रबंधक कमेटी की ओर से स्कूल में रजिस्टर में एक बकायदा से रेजूलेशन डाला गया जिसमें टीचरों की मांग की है। इसके अलावा साथ लगते मिडिल स्कूल के टीचरों द्वारा प्राइमरी स्कूल के लिए टीचरों की मांग की जाती है। इसके अलावा ग्रामीणों ने जिला शिक्षा अधिकारी, विधायक को भी इसके बारे में सूचित किया है लेकिन पिछले 17 महीनों से स्कूल का कोई माई बाप नहीं है।