कुरुक्षेत्र। चारों तरफ पानी के सिवाय कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। दिल बैठा जा रहा था तो सांसें अटकी थी। अपनों को बार-बार बचा लेने की गुहार के अलावा कुछ कर नहीं पा रहे थे। पानी लगातार बढ़ रहा था, जिससे जिंदगी बचनी बेहद मुश्किल लगने लगी थी। हिम्मत भी टूटने लगी थी, लेकिन दूसरे दिन एनडीआरएफ के जवान दूर से दिखाई पड़े तो हौसला ही नहीं बढ़ा बल्कि जान में जान आ गई।
यह दास्तां है मिर्जापुर के सात लोगाें की, जो गुलाबगढ़ डेयरी फार्म पर गायों को बचाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन खुद ही बाढ़ के बीच फंस गए। दो दिन से फंसे
इन लोगों को पानी ने इस कदर घेरा कि चारों ओर पानी के सिवाय कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। इन पीड़ितों में सुरेश कुमार ,प्रेम सिंह, सुरेश कुमार , नेम सिंह ,पवन कुमार, नंद पाल और पप्पू शामिल रहे। उन्होंने बताया कि वे फार्म पर काम करते हैं और यहां से कुछ गोवंश को समय रहते वे सुरक्षित निकाल भी लाए थे। अभी फार्म में कुछ गांव बस रहे थे, जिन्हें निकालने के लिए प्रयास किया तो वे खुद हीं वहीं पर फंस गए। उनके आसपास ही 12 फीट तक पानी भरा था। हालांकि वे तैरना नहीं जानते थे, लेकिन चाहते हुए भी वे निकल नहीं सकते पा रहे थे। उन्होंने परिजनों को बताया कि किसी तरह दूसरे दिन दोपहर बाद वे एनडीआरएफ के जवानों के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर बोट के साथ पहुंचे। जैसे ही वे बचकर अपने घर लौटे तो पूरे परिवार की जान में जान आ गई।