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करनाल विधानसभा सीट में CM के बाद किसे मिलेगा मौका:भाजपा किस पर खेलेगी दांव, 4 लोगों के नाम पर चल रही चर्चाएं

( गगन थिंद) करनाल विधानसभा सीट पिछले 10 साल से भाजपा के लिए एक सुरक्षित गढ़ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस सीट पर साढ़े 9 साल तक काबिज रहकर भाजपा को मजबूती दी थी। उनके इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी ने उप चुनाव में जीत हासिल की। लेकिन अब सैनी के करनाल से चुनाव न लड़ने की अटकलों के बीच अब शहर में चर्चाएं शुरू हो गई है,
कि इस बार पार्टी इस विधानसभा सीट पर किसको मैदान में उतारेगी।इसे लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों के बीच चर्चाएं तेज हो गई हैं।
इस दौड़ में कुछ प्रमुख नाम उभर कर सामने आ रहे हैं,जिनमें मेयर रेणु बाला गुप्ता, पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक सुखीजा,
युवा नेता मुकेश अरोड़ा, और जगमोहन आनंद का नाम शामिल है। राजनीतिक विशेषज्ञ DAV कॉलेज के प्राचार्य RP सैनी के अनुसार, रेणु बाला गुप्ता भाजपा के संभावित उम्मीदवारों में सबसे आगे हैं। रेणु बाला गुप्ता, जो बनिया समाज से आती हैं।
करनाल में इस समाज के 22,000 से अधिक वोटर हैं, इसके साथ ही रेणु बाला गुप्ता सभी सामाज के वोटरों पर अच्छी पकड़ रखती है। जो उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं। इसके अलावा, उन्होंने लगातार 2 बार मेयर का चुनाव जीतकर अपनी पकड़ को साबित किया है। इसके अलावा जब पहली बार पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर करनाल में चुनाव लड़ने के लिए आए थे।
उस दौरान उनके कैंपेन में अहम भूमिका इन्होंने निभाई है। इसके अलावा एक मुख्य कारण यह भी है कि रेणु बाला गुप्ता पूर्व सीएम मनोहर लाल के सबसे करीबी नेताओं में आती है। मेयर के कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्य और  उनकी साफ छवि उन्हें भाजपा की पहली पसंद बना सकती है। साथ ही, पंजाबी वोट बैंक पर उनकी मजबूत पकड़ भी एक अहम कारण है,
जिससे भाजपा उनके पक्ष में फैसला कर सकती है।


अशोक सुखीजा: पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेता सीनियर एडवोकेट संजीव मंगलोरा का मानना है कि अशोक सुखीजा इस बार भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण उम्मीदवार हो सकते हैं। अशोक सुखीजा, जो पूर्व में भाजपा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। अशोक पार्टी के सबसे पुराने और वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। उन्होंने तब से पार्टी के लिए काम किया है,
जब भाजपा हरियाणा में संघर्षरत थी। उनकी साफ छवि, संगठन को मजबूत बनाने में योगदान, और पंजाबी समुदाय में उनकी गहरी
पैठ उन्हें इस दौड़ में एक मजबूत दावेदार बनाती है। भाजपा उनके अनुभव और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को ध्यान में रखते हुए उन पर दांव खेल सकती है। मुकेश अरोड़ा युवा पंजाबी राजनीतिक विशेषज्ञ अनुज सैनी का मानना है कि अगर नायब सिंह सैनी करनाल विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ते, तो भाजपा युवा पंजाबी चेहरे मुकेश अरोड़ा पर दांव खेल सकती है।

मुकेश अरोड़ा की युवा शक्ति और पंजाबी समाज में उनकी पकड़ उन्हें इस दौड़ में एक मजबूत दावेदार बनाती है।
भाजपा अगर युवा मतदाताओं और पंजाबी वोटरों को ध्यान में रखते हुए टिकट देने का विचार करती है, तो मुकेश अरोड़ा इस सीट के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार साबित हो सकते हैं। जगमोहन आनंद अनुभवी नेत राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, भाजपा की इस सूची में चौथा नाम जगमोहन आनंद का है। जगमोहन आनंद पार्टी से लंबे समय से जुड़े हुए हैं और उन्हें जिला अध्यक्ष, सीएम के मीडिया कोऑर्डिनेटर, और कुरूक्षेत्र के प्रभारी जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। पार्टी संगठन में उनकी भूमिका भी उन्हें इस दौड़ में एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है। भाजपा के लिए कौन होगा अगला चेहरा? करनाल विधानसभा सीट पर भाजपा के लिए यह चुनावी दौड़ आसान नहीं होगी।

नायब सिंह सैनी किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ते हैं, तो भाजपा को करनाल में एक ऐसा उम्मीदवार चुनना होगा,
जो सामाजिक समीकरणों और पार्टी की नीतियों के साथ तालमेल बैठा सके।
मेयर रेणु बाला गुप्ता, अशोक सुखीजा, मुकेश अरोड़ा, और जगमोहन आनंद, ये सभी नाम अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत दावेदार हैं,
और भाजपा के लिए सही निर्णय लेना एक चुनौती होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किस पर दांव लगाती है
और करनाल की इस महत्वपूर्ण सीट पर कौन उम्मीदवार बनकर उभरता है।

 

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