( गगन थिंद ) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा हरियाणा दौरे पर पंचकूला पहुंचे। उन्होंने पंचकूला में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत भारत में तपेदिक की पहचान और मृत्यु दर की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से एक व्यापक 100 दिवसीय अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने निश्चय मित्रों, टीबी चैम्पियन को सम्मानित किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, आज हम टीबी मुक्त अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। मैं ये कहूंगा, एक तरीके से इस अभियान से एक नई गति मिलेगी। ये 100 दिन का कार्यक्रम है, इसके तहत 347 जिलों, जहां टीबी का प्रकोप ज्यादा है, वहां पर फोकस किया जाएगा। टेस्ट, ट्रीटमेंट के साथ अन्य जरूरी चीजों को इस अभियान के तहत किया जाएगा। टीबी मुक्त अभियान के ये 100 दिन मील का पत्थर साबित होगा।
हरियाणा को टीबी मुक्त करेंगे: सैनी
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, आज पूरे देश में इस टीबी मुक्त भारत का 100 दिन का अभियान शुरू होने जा रहा है। मुझे खुशी है कि आज हम देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए एक विशेष अभियान के साक्षी बन रहे हैं। यह भी खुशी की बात है कि देश व्यापी इस अभियान की शुरुआत हरियाणा से हो रही है। हरियाणा निश्चय ही इस अभियान को सफल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्क्रीनिंग करके हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी व्यक्ति संक्रमित है या नहीं। हरियाणा में करीब सात लाख लोगों का टीबी संक्रमण का परीक्षण किया जा चुका है, जिनमें 40 प्रतिशत लोगों में टीबी का संक्रमण मिला था। देश के अन्य राज्यों के साथ हरियाणा में टीबी बड़ी चुनौती है। सरकार इस चुनौती को पूरा करने के लिए पूरा प्रयास करेगी।
हरियाणा में टीबी के लिए बनी नई रणनीति
हरियाणा में कोई भी टीबी मरीज छूटे नहीं, इसके लिए नई रणनीति पर हरियाणा सरकार काम कर रही है। टीबी मरीज को ट्रैक करने के लिए उसका डाटा पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। हर नए मरीज का डाटा इस पोर्टल पर डाला जाएगा। इस पोर्टल का बड़ा महत्व है। इसी के जरिए मरीजों को उनकी बीमारी से संबंधित जानकारी भी दी जाती है। अब तक साढ़े तीन लाख मरीजों को करोड़ों रुपए सरकार दे चुकी है। सरकार मरीजों को और भी आधुनिक चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करा रही है। हरियाणा में 18 हजार पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।
अभियान 33 राज्यों में लागू किया जाएगा
33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में लागू की जाने वाली इस पहल का उद्देश्य टीबी के मामलों का पता लगाना, निदान में देरी को कम करना और उपचार के परिणामों को बेहतर बनाना है, खासकर उच्च जोखिम वाले समूहों में। यह देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम संबंधी गतिविधियों को मजबूत करने, टीबी के परिणामों में असमानताओं को कम करने और टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश द्वारा किया गया एक और प्रयास होगा। यह पहल टीबी मुक्त भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है जिसे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 दिल्ली एंड टीबी समिट में प्रस्तुत किया था।
अभियान के तहत क्या होगा
100 दिवसीय अभियान का दृष्टिकोण टीबी की घटना दर, निदान कवरेज और मृत्यु दर जैसे प्रमुख संकेतकों से सूचित है। यह मंत्रालय द्वारा हाल ही में किए गए नीतिगत सुधारों के साथ भी संरेखित है, जिसमें टीबी रोगियों के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत बढ़ी हुई वित्तीय सहायता और सामाजिक सहायता पहल, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत घरेलू संपर्कों को शामिल करना शामिल है। अभियान के कुछ प्रमुख फोकस क्षेत्र उन्नत निदान तक पहुंच बढ़ाना, कमजोर समूहों के बीच लक्षित जांच, उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए विशेष देखभाल का प्रावधान और विस्तारित पोषण सहायता हैं।