( गगन थिंद ) शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस संजीव खन्ना ने जमानत देते हुए कहा- केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं। जस्टिस खन्ना ने कहा- हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने ऐसे 3 सवाल भी तैयार किए हैं। बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बदलाव कर सकती है। केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में भेज दिया था। गिरफ्तारी और कस्टडी को केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर सुनवाई हुई। केजरीवाल को ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिली है। उनके खिलाफ दूसरा मामला CBI का है। जिसमें उनकी न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ गई है, इसलिए वे जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। केजरीवाल को जमानत मिलने के फैसले के आते ही आम आदमी पार्टी ने कहा- उम्मीद है जल्द ही केजरीवाल को CBI मामले में भी जमानत मिल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत से यह साबित होता है कि आबकारी नीति केस उनके खिलाफ भाजपा की साजिश है। हर अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ भाजपा की साजिश को उजागर किया है।
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को सही ठहराया था
केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। 9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही करार दिया था। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को केजरीवाल की याचिका पर ED से जवाब मांगा था। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं था, क्योंकि केजरीवाल कई समन भेजे जाने के बाद भी पूछताछ के लिए ED ऑफिस नहीं आए। इसके बाद ED के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
ED ने शराब नीति केस में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल की
इधर, शराब नीति केस में ED ने मंगलवार (9 जुलाई) को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश की। 208 पेज की इस चार्जशीट में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को केस का सरगना और साजिशकर्ता बताया गया है। चार्जशीट में कहा गया कि स्कैम से मिला पैसा आम आदमी पार्टी पर खर्च हुआ है। ED ने चार्जशीट में कहा कि केजरीवाल ने 2022 में हुए गोवा चुनाव में AAP के चुनाव अभियान में यह पैसा खर्च किया। दावा किया गया है कि केजरीवाल ने शराब बेचने के कॉन्ट्रेक्ट के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपए गोवा चुनाव पर खर्च किए गए थे। ED ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल ने दावा किया कि AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी और इस केस के सह-आरोपी विजय नायर ने उनके नहीं, बल्कि मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम किया था। इसमें यह भी दावा किया गया है कि CM ने कहा कि दुर्गेश पाठक गोवा के राज्य प्रभारी थे और फंड का प्रबंधन करते थे और फंड से संबंधित निर्णयों में उनकी खुद कोई भूमिका नहीं थी और उन्हें भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता से रिश्वत नहीं मिली थी।